PhAnTaStIc AbHi-ShAkE
Saturday, November 15, 2014
अनकही
मैनें पल जुटा के रखे की कह सकूँ वो ...
वो जो मेरे इशारे ना बयां कर सके
वो जो मैं किसी मुलाक़ात मैं ना कह सका
वो जो मैं कहना चाहता था जब तुम मुझसे
अनकही पूछती
वो जो कोई और कह गया
मेरा पल चुरा गया
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