PhAnTaStIc AbHi-ShAkE
Monday, June 10, 2013
कुछ हाल ऐसा है
सोए हूए आँखों से नींद चुराना,
बीते हूए लम्हों से पल चुराना
आदत थी तुम्हारी,आदत ही रहेगी,
अच्छे भले इंसान से चैन चुराना
काँच पे बारिश की बूँदों का सफ़र देखो,
ना थमती ना रुकती
छूटे हुए यादों पे कैसे बसर करते हैं देखो,
याद कर जिन्हें भर जाए आँखें तो
ना थमती ना रुकती
कुछ हाल ऐसा है
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